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सुंदरता

ईश्वर ने कुछ तो ऐसा सृजित किया होगा, जो शाश्वत है, समय के बंधन से मुक्त हो? - सुंदरता और प्रेम ! प्रेम को हम एक पल के लिए मानव निर्मित भी मान लें, लेकिन सुंदरता तो परमात्मा ने सृजित की होगी | ईश्वर ने जब सृष्टि का सृजन किया होगा तो यहाँ सुंदरता बिखेरी होगी.. सुंदरता का अनुपम उदाहरण - प्रकृति | पर्वत, नदियों, वृक्ष, पंछी और खुला गगन | तब यहाँ मानव न था | मनु के संतान ने सुंदरता को अपने तरीके से देखने की कोशिश की | उसने वही किया जो उसे अच्छा लगता था, जो वो अपने स्वार्थ के लिए चाहता था | उसने प्रकृति को अपने तरीके से सजाने की कोशिश कीं.. उसने सुंदरता को सीमित करना प्रारम्भ कर दिया | प्रत्येक मनुष्य अलग था, उसकी पसंद अलग थी, उसकी ज़रूरते अलग थी | सुंदरता कभी विस्तृत हुआ करती थी जो अब क्यारियों तक ही सीमित रह गयी है और किसी के घर की शोभा बढ़ाती है !